लघुकथा
यह कहानी है एक लड़के और लड़की की जो आपस मे एक दूसरे को प्यार करते थे व दिन का ज्यादातर समय एक दूसरे के साथ ही बिताते थे।
अरे हां मैं आपको अपने बारे में बताना तो भूल ही गयी। मेरा नाम आलिया खान है और मैं पेशे से एक वकील हूँ। और मैं एक साधारण सी दिखने वाली 3 बच्चों की माँ हूँ। तो बात उस समय की है जब मैं अपने उस दिन के कोर्ट के काम से फ्री होकर दूसरे दिन केश की फ़ाइल तैयार कर रही थी कि तभी मेरे मोबाइल पर घण्टी बजी। मैने देखा कोई नए नबंर से कॉल आया था तो मैने कॉल उठा लिया। सामने से एक लड़की की सुंदर आवाज आयी।
मैं- हैलो।
सामने से- हैलो वकील साहिबा मैं तान्या बात कर रही हूं दिल्ली से और मुझे आपका नम्बर एक मेरे सहेली ने दिया है। मुझे आपसे कुछ अर्जेंट बात करनी है तो क्या मैं आपसे मिल सकती हूँ।
मैं- हां जरूर मिल सकती हो लेकिन आपको मेरे चैम्बर में आना होगा।
तान्या- ठीक है वकील साहिबा मैं 20 मिनट में आपके चैम्बर आ रही हूँ।
मैने भी ठीक है कहकर कॉल को काट कर दिया। और अपनी फ़ाइल पढ़ने में व्यस्त हो गयी।
करीब 25 मिनट बाद किसी ने मेरे चैम्बर का दरवाजा खटखटाया तो मैने अंदर आने को कहा।
दरवाजा खुलते ही दो लोग अंदर आ गए जिसमे एक तान्या और दूसरा उसका दोस्त रवि था दोनों की उम्र लगभग समान ही थी और दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे।
फिर मेने उन दोनों से बात की।
मैं- बताए कैसे आना हुआ।
तान्या- मैडम मैं तान्या और साइड में बैठे लड़के की तरफ इशारा करते हुए बोली ये रवि है मेरा सबसे अच्छा दोस्त।
रवि- रवि ने मुझे नमस्ते किया।
मैं- जी बताइए।
मेरे कई बार बोलने पर भी वो दोनों आपस में एक दूसरे को देखते रहे जैसे कि दोनों आंखों ही आंखों में एक दूसरे से बात कर रहे हो। मेने दोनों को फिर टोका और कहा कि बताए क्या समस्या है जिसकी वजह से आपको यहाँ आना पड़ा।
तान्या- मैडम बात यह है कि मैं और रवि पिछले 3 साल से एक दूसरे से जुड़े हुए है और हम दोनों एक दूसरे को काफी पसंद भी करते है मगर ये बात हमारे घर वालो को पसंद नही है इसलिए हम दोनों से फैसला लिया है कि हम दोनों आज ही शादी कर लेंगे।
दोनों बड़ी उम्मीद से मेरी तरफ देखने लगे।
मैं- आप दोनों की उम्र क्या है।
रवि- मेरी उम्र 25 साल है और तान्या की तरफ इशारा करते हुए बोला कि इसकी 24 साल है।
मैं- आप दोनों शादी तो कर सकते हो मगर आप दोनों अगर घर वालो की मर्जी से शादी करते तो और अच्छा होता।
तान्या- मैडम हम भी यही चाहते है कि घर वाले खुशी से हमारी शादी करा दे मगर वो हमारी शादी को राजी ही नही हो रहे है।
मैं- ठीक है अगर ऐसी बात है तो फिर मैं अभी तुम दोनों का अग्रीमेंट बना कर हस्ताक्षर वगैरा कर काम पूरा कर देती हूँ।
तान्या- मैडम बहुत उम्मीद से आपके पास आये है कृपया जो करना है जल्दी करे।
मैं- ठीक है मगर मुझे कुछ जरूरी कागजात और तुम दोनों के फोटो वगैरा और कुछ पैसे मेरी फ़ीस के रूप में देने होंगे।
उन दोनों ने अपने जरूरी कागजातों के साथ मेरी पूरी फ़ीस मेरे सामने पड़ी फ़ाइल के ऊपर रख दी।
मैने सभी चीजें देखी और उनको थोड़ा इंतजार करने को बोल कर मैं उनके जरूरी कागजातों को बनवाने के लिए चली गयी। कुछ समय बाद जब मैं कागजातों को तैयार करा कर लायी तो दोनों की आंखों में एक अलग सी चमक थी जो मुझे साफ महसूस हो रही थी।
तान्या- मैडम और कितना समय लगेगा।
मैं- बस जो होना था अब हो गया तुम दोनों मेरे साथ रजिस्ट्रार के आफिस चलो और वहाँ पर अपने हस्ताक्षर करो औऱ अगले ही पल से तुम क़ानूनन पति पत्नी हो।
मेरे कहे के मुताबिक दोनों मेरे साथ गए और अपने अपने हस्ताक्षर किया और खुशी से एक दूसरे से लिपट कर दोनों आपस मे गले मिले। उसके बाद वह वहाँ से मेरे साथ मेरे चैम्बर में आये और फिर मेने उन दोनों को उनके तैयार किये हुए कागजात दे दिए और कहा कि हमेशा खुश रहना। वो दोनों भी ख़ुशी ख़ुशी अपने घर चले गए।
मैं भी अपने काम में व्यस्त हो गयी और जैसे समय बीतता है वैसे ही 2 दिन बीत गए मग़र तीसरे दिन मेरे पास तान्या का फिर से कॉल आया मेने सोचा कि नार्मल ही कॉल कर रही होगी। परन्तु उसकी आवाज सुनकर मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ।
मैं- हा तान्या बताओ कैसी हो?
तान्या- मैडम कैसी हूँ ये बाद में बताऊंगी पहले बताओ आप कहाँ हो?
मैं- चैम्बर में ही हु।
तान्या- मैडम में अभी आपके पास आ रही हूं।
मैं- ठीक आ जाओ।
करीब 10 मिनट बात किसी ने दरवाजा खटखटाया तो मैने अंदर आने को बोला तो देखा तान्या और रवि दोनों साथ आये थे मगर तान्या कुछ उदास और गुस्से में लग रही थी।
मैं- आओ तान्या बैठो।
दोनों बैठे।
तान्या- मैडम मुझे इससे तलाक चाहिये अभी जितना भी पैसा लग जाये परवाह नही पर अभी चाहिए।
मैं- अरे पर हुआ क्या अभी 2 दिन पहले ही तो तुम दोनों की मेने कोर्ट में शादी कराई है।
रवि- ऐसी से पूछो ऐसा क्या हुआ है।
तान्या- रवि तुम चुप हो जाओ बस।
मैं- मुझे पूरी बात बताओ कि तुम दोनों के बीच मे क्या हुआ है और लड़ाई किस बात की है।
तान्या- मैडम मैं दो दिन मैं ही इतना परेशान हो गयी इससे की बस पूछो मत।
मैं- मगर हुआ क्या।
तान्या- मेडम इसको चलने की तमीज नही है पैरों को जमीन पर रगड़ कर चलता है, इसको खाने की तमीज नही है चप चप करके खाता है, बोलने की तमीज नही है कुछ भी कभी भी बोल देता है, सोने की तमीज नही है ऐसे सोता है कि किसी दूसरे को नींद ही नही आएगी इसके साथ, औरइसी प्रकार की बहुत बातें तान्या ने बताई।
मै बस चुपचाप तान्या की सारी बातें सुन मन ही मन हँस रही थी और सोच रही थी कि 3 साल से साथ मे है मग़र जब कमी नही दिखाई दी और अब 2 दिन में ही सारी कमियाँ दिखाई दे गई।
खैर मुझे क्या मुझे तो शादी कराने के पैसे मिले अब तलाक कराने के पैसे मिलेंगे इस वजह से मैं बिल्कुल चुप रही और तान्या की बातें सुनती रही।
बाद में मैने दोनों का म्यूच्यूअल अंडरस्टैंडिंग डाइवोर्स करा दिया जो कि दोनों के आपसी समझौते से ही हो जाता है।
मगर आज भी जब मैं ये केस याद करती हूं तो मुझे बहुत हँसी आती है और मैं एक सोच में पड़ जाती हूँ कि 3 साल से साथ थे मगर शादी के 2 दिन में ही तलाक तक पहुँच गये वाकई जमाना बहुत बदल गया है क्योंकि हमारे पिताजी के दशक में तो एक बार बस शादी हुई तो बस समझो जिंदगी उसकी ही हो गयी अब चाहे वो जो करे। लेकिन आजकल तो पता ही नही चलता जमाना किस ओर जा रहा है।
उम्मीद है मेरा ये एक अनोखा केश जो कि कहानी के रूप में है आपको पसंद आया होगा।
धन्यवाद।
Haaya meer
29-Mar-2022 10:13 PM
बहुत ही अच्छा
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Muskan khan
29-Mar-2022 10:02 PM
बहुत ही सुंदर
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Gunjan Kamal
29-Mar-2022 10:00 PM
बेहद ही रोचक कहानी 👌👏🙏🏻
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